Author – Neeraj Kumar
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क्या UPI पेमेंट पर लगेगा GST? जानिए सच्चाई, नियम, और आम जनता पर असर
भारत में डिजिटल लेन-देन की गति जिस तरह से बढ़ी है, उसमें यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही है। मोबाइल से QR स्कैन करके पेमेंट करना आज आम बात हो गई है। परंतु हाल ही में सोशल मीडिया पर यह चर्चा जोरों पर है कि अब UPI पेमेंट पर भी GST लगेगा। इससे आम जनता के बीच भ्रम और चिंता की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे:
- UPI क्या है?
- GST क्या है?
- क्या सच में UPI पेमेंट पर GST लगेगा?
- सरकार की नीति और स्पष्टीकरण
- UPI पर टैक्स का तर्क
- आम जनता पर प्रभाव
- व्यापारी वर्ग पर असर
- डिजिटल इंडिया मिशन और UPI की भूमिका
- निष्कर्ष और सुझाव
1. UPI क्या है?
UPI (Unified Payments Interface) एक रीयल-टाइम पेमेंट सिस्टम है जिसे National Payments Corporation of India (NPCI) द्वारा विकसित किया गया है। इसके जरिए उपयोगकर्ता अपने बैंक अकाउंट को मोबाइल ऐप्स से लिंक कर सीधे पैसे भेज सकते हैं, वो भी बिना किसी बैंक डिटेल्स डाले।
- इसे इस्तेमाल करना सरल है।
- 24×7 उपलब्ध है।
- ट्रांजैक्शन तुरंत होता है।
- BHIM, PhonePe, Google Pay, Paytm जैसी कई ऐप्स इसका उपयोग करती हैं।
2. GST क्या है?
GST (Goods and Services Tax) एक एकीकृत अप्रत्यक्ष कर प्रणाली है जिसे भारत सरकार ने 1 जुलाई 2017 को लागू किया। इसके अंतर्गत केंद्रीय और राज्य सरकारों के द्वारा लगाए जाने वाले कई प्रकार के टैक्स को एकसाथ मिला दिया गया।
- GST मुख्यतः चार स्लैब्स में आता है: 5%, 12%, 18%, और 28%
- यह वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री पर लगता है, न कि भुगतान के माध्यम पर।
3. क्या सच में UPI पेमेंट पर GST लगेगा?
सरल जवाब: नहीं।
भारत सरकार या GST काउंसिल ने अब तक ऐसा कोई नियम पारित नहीं किया है जिसमें कहा गया हो कि UPI ट्रांजैक्शन पर GST लगाया जाएगा।
यह गलतफहमी कहां से शुरू हुई?
कुछ रिपोर्ट्स में यह बताया गया कि बैंक या फिनटेक कंपनियों को UPI ट्रांजैक्शन पर कुछ चार्ज देना पड़ सकता है, जैसे MDR (Merchant Discount Rate)। इससे भ्रम फैला कि यह शुल्क उपभोक्ताओं पर भी डाला जाएगा।
4. सरकार की नीति और स्पष्टीकरण
वित्त मंत्रालय और NPCI ने स्पष्ट किया है कि:
- UPI पेमेंट्स पर कोई अतिरिक्त GST या शुल्क उपभोक्ताओं से नहीं लिया जाएगा।
- P2P (Person to Person) और P2M (Person to Merchant) ट्रांजैक्शन पर फिलहाल नो चार्ज पॉलिसी लागू है।
- सरकार UPI को बढ़ावा देने के लिए बैंकों और ऐप्स को इंसेंटिव देती है, जिससे वे बिना चार्ज के सेवा दे सकें।
5. UPI पर टैक्स लगाने का तर्क क्या है?
कुछ अर्थशास्त्री और बैंक इस विषय पर विचार कर रहे हैं कि भारी संख्या में हो रहे UPI ट्रांजैक्शन से कोई न कोई राजस्व मॉडल बनना चाहिए।
- क्योंकि बैंकों को इंफ्रास्ट्रक्चर में खर्च करना पड़ता है।
- लेकिन इसपर सरकार का कहना है कि UPI एक सार्वजनिक सेवा है, और इससे कैशलेस इकॉनमी को बढ़ावा मिलता है।
इसलिए फिलहाल टैक्स लगाना डिजिटल इंडिया मिशन के खिलाफ माना जाएगा।
6. आम जनता पर संभावित असर क्या हो सकता है?
यदि भविष्य में कभी UPI पर GST या कोई चार्ज लगाया जाता है, तो उसके कुछ संभावित प्रभाव हो सकते हैं:
- छोटे ट्रांजैक्शन पर हिचकिचाहट: जैसे लोग पहले ATM चार्ज से बचते थे, वैसे ही UPI का प्रयोग घट सकता है।
- कैश का उपयोग बढ़ सकता है, जिससे सरकार की डिजिटलीकरण की कोशिशें प्रभावित होंगी।
- छोटे व्यापारियों को नुकसान: वे ग्राहकों से डिजिटल पेमेंट लेने से कतराएँगे।
फिलहाल ऐसी कोई स्थिति नहीं है, लेकिन भविष्य के लिए यह एक विचारणीय मुद्दा है।
7. व्यापारी वर्ग पर असर
व्यापारियों के लिए UPI बेहद फायदेमंद साबित हुआ है:
- कैशलेस पेमेंट से हिसाब-किताब आसान हो गया है।
- चोरी-छुपे लेन-देन कम हुआ है।
- ग्राहक तेजी से पेमेंट करते हैं, जिससे बिक्री तेज होती है।
अगर इन पर GST लगाया गया तो:
- व्यापारी डिजिटल पेमेंट लेने से कतराएँगे।
- ग्राहक को ट्रांजैक्शन चार्ज देना पड़ सकता है, जिससे असंतोष बढ़ेगा।
8. डिजिटल इंडिया मिशन और UPI की भूमिका
डिजिटल इंडिया मिशन का लक्ष्य है कि हर नागरिक को इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं से जोड़ा जाए। UPI इसमें एक क्रांतिकारी कदम साबित हुआ है:
- 2023 में लगभग 100 अरब से अधिक ट्रांजैक्शन UPI के जरिए हुए।
- आज गाँव से लेकर महानगर तक लोग QR स्कैन कर रहे हैं।
अगर UPI पर कोई टैक्स या GST लगाया गया, तो यह डिजिटल मिशन को बड़ा झटका दे सकता है।
9. अंतरराष्ट्रीय तुलना
- अमेरिका और यूरोप में डिजिटल पेमेंट पर कुछ प्रतिशत फीस ली जाती है, लेकिन वे प्राइवेट कंपनियों के माध्यम से होती हैं।
- भारत में UPI सरकार द्वारा समर्थित और लगभग फ्री सेवा है।
- इसका मुख्य उद्देश्य डिजिटल समावेशन (inclusion) है, न कि कमाई।
10. निष्कर्ष: UPI पर GST — हकीकत या भ्रम?
वास्तविकता यही है कि UPI पेमेंट पर GST नहीं लगता है। सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों से बचें और केवल अधिकृत सरकारी घोषणाओं पर ध्यान दें।
यदि भविष्य में कोई बदलाव होता है, तो वह सार्वजनिक रूप से घोषित किया जाएगा। सरकार फिलहाल इस दिशा में नहीं सोच रही है, क्योंकि:
- डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना ज़रूरी है।
- भारत को कैशलेस इकॉनमी की ओर ले जाना है।
- छोटे व्यापारियों और आम जनता के लिए UPI वरदान की तरह है।
सुझाव:
- अफवाहों पर भरोसा न करें।
- सरकार या NPCI की वेबसाइट से जानकारी लें।
- UPI का प्रयोग जारी रखें — यह न सिर्फ सुविधाजनक है बल्कि देश के डिजिटल विकास में आपका योगदान भी है।
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